Kisan Agriculture Subsidy: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ने के लिए एक बड़ी पहल की है। इस योजना के तहत किसानों को अब ट्रैक्टर, रोटावेटर, हैरो, स्प्रेयर, थ्रेशर, बेलर, पावर वीडर, मल्टी क्रॉप थ्रेशर और सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरण 80% तक की सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार का उद्देश्य किसानों की लागत कम करना और उन्हें नई तकनीक से लैस करना है ताकि फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके।
पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन, नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
अब किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि पूरी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल agridarshan.up.gov.in के माध्यम से शुरू की गई है। इच्छुक किसान अपने मोबाइल या लैपटॉप से घर बैठे इस पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर पंजीकरण पूरा करने के बाद किसान अपनी जरूरत के अनुसार कृषि उपकरण का चयन और बुकिंग कर सकते हैं।
केवल पंजीकृत किसानों को मिलेगा लाभ
उपकृषि निदेशक राम किशन सिंह के अनुसार, इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन पूरा किया है। यह योजना “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत पर आधारित है, यानी जो किसान पहले आवेदन करेगा उसे प्राथमिकता दी जाएगी। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली लागू की गई है, जिससे उपकरणों का वितरण निष्पक्ष तरीके से किया जा सकेगा।
टोकन मनी जमा करना होगा अनिवार्य
उपकरण बुकिंग करते समय किसानों को एक टोकन मनी जमा करनी होगी। यदि मशीन की कीमत ₹1 लाख रुपये तक है तो ₹2,500 और ₹1 लाख से अधिक कीमत वाली मशीन के लिए ₹5,000 की राशि ऑनलाइन जमा करनी होगी। यह भुगतान किए बिना आवेदन मान्य नहीं माना जाएगा। इससे केवल गंभीर और पात्र किसान ही योजना का लाभ उठा पाएंगे।
सब्सिडी का लाभ सीधे कीमत में घटकर मिलेगा
कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसानों को सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में नहीं भेजी जाएगी। इसके बजाय उपकरण की कुल कीमत से सब्सिडी की राशि घटा दी जाएगी, जिससे किसानों को खरीद के समय ही छूट का लाभ मिल जाएगा। इस व्यवस्था से भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी और किसानों को किसी प्रकार की आर्थिक परेशानी नहीं होगी।
युवाओं को मिलेगा स्वरोजगार का अवसर
यह योजना केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए भी रोजगार का नया रास्ता खोल रही है। जो युवा कृषि क्षेत्र में उद्यमिता शुरू करना चाहते हैं, वे कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करने के बाद युवाओं को मशीनरी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे किसानों को उपकरण किराए पर देकर आय अर्जित कर सकेंगे।
किसानों की लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने में मदद
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना किसानों की उत्पादन लागत घटाने में अहम भूमिका निभाएगी। आधुनिक यंत्रों के प्रयोग से खेती का समय बचेगा और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही, उपकरणों की आसान उपलब्धता से न केवल खेती अधिक लाभदायक बनेगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।


