CGHS New Rules: सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज! DA बढ़ोतरी के साथ CGHS रेट में बड़ा बदलाव, 13 अक्टूबर से लागू

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CGHS New Rules: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद अब सरकार ने केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) में व्यापक बदलाव किया है। 3 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना के तहत लगभग 2,000 से अधिक मेडिकल प्रक्रियाओं की नई संशोधित पैकेज दरें घोषित की गई हैं, जो 13 अक्टूबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगी। यह संशोधन पिछले 15 वर्षों में सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इलाज के खर्च में सीधा लाभ मिलेगा।

पुरानी दरों से होती थीं समस्याएं

काफी लंबे समय से CGHS के तहत पुरानी दरों के चलते मरीजों और अस्पतालों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। पुराने पैकेज रेट्स इतने कम थे कि अस्पतालों के लिए लागत निकालना मुश्किल हो गया था। वहीं सरकार से भुगतान में होने वाली देरी के कारण कैशलेस इलाज की सुविधा भी प्रभावित होती थी। नतीजा यह होता कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इलाज के दौरान अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते थे। अब नई दरों के लागू होने से अस्पतालों को आर्थिक राहत मिलेगी और मरीजों को बेहतर इलाज का भरोसा मिलेगा।

सुधार की जरूरत क्यों पड़ी

कई वर्षों से केंद्रीय कर्मचारियों की शिकायत थी कि CGHS पैनल में शामिल कई निजी अस्पताल कैशलेस इलाज देने से कतराते हैं। मरीजों को इलाज के समय पूरी रकम खुद से जमा करनी पड़ती थी और रिफंड के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था। अस्पतालों का कहना था कि सरकार द्वारा तय पैकेज दरें काफी पुरानी और कम हैं, जिससे उनका संचालन मुश्किल हो रहा है। अगस्त 2025 में केंद्रीय सरकारी कर्मचारी संघों (GENC) ने सरकार से इस समस्या को दूर करने की मांग की थी, जिसके बाद अब सरकार ने बड़ा सुधार लागू किया है।

नई CGHS दरों की मुख्य विशेषताएं

सरकार द्वारा संशोधित पैकेज में लगभग 2,000 से अधिक मेडिकल प्रक्रियाओं की नई दरें तय की गई हैं। ये दरें अस्पताल की श्रेणी और शहर के वर्गीकरण के अनुसार विभाजित की गई हैं। Tier-II शहरों में दरें बेस रेट से 19% कम रखी गई हैं, जबकि Tier-III शहरों में यह 20% कम होगी। NABH मान्यता प्राप्त अस्पताल बेस रेट पर सेवाएं देंगे, वहीं गैर-NABH अस्पतालों को बेस दर से 15% कम भुगतान मिलेगा। 200 से अधिक बेड वाले सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों के लिए बेस दर से 15% अधिक भुगतान की व्यवस्था की गई है।

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को होगा सीधा फायदा

नई दरों के लागू होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अस्पताल अब CGHS कार्डधारकों को आसानी से कैशलेस इलाज की सुविधा देंगे। पहले की तरह मरीजों को एडवांस जमा करने या महीनों तक रिफंड का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। इससे मरीजों का आर्थिक बोझ कम होगा और इलाज के दौरान उन्हें मानसिक शांति भी मिलेगी। इस कदम से निजी अस्पतालों की भागीदारी भी बढ़ेगी और सरकारी कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से मिल सकेंगी।

स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और भरोसा बढ़ेगा

सरकार का यह निर्णय न केवल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है बल्कि इससे CGHS प्रणाली में पारदर्शिता और भरोसा भी बढ़ेगा। कैशलेस ट्रीटमेंट को सुगम बनाकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी कर्मचारी या पेंशनभोगी इलाज के अभाव में परेशान न हो। यह सुधार केंद्र सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है जिसमें कर्मचारियों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

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