DA Hike: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए इस बार की दिवाली बेहद खास होने वाली है। केंद्र सरकार अगले महीने महंगाई भत्ता (DA Hike) बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अक्टूबर के पहले सप्ताह में महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी की घोषणा संभव है। अगर ऐसा होता है तो मौजूदा 55% डीए बढ़कर 58% हो जाएगा। इस फैसले का सीधा असर करीब 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनधारकों पर पड़ेगा और उनकी सैलरी तथा पेंशन में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मार्च में हुई थी सबसे कम बढ़ोतरी
मार्च 2025 में केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता केवल 2% बढ़ाया था। यह पिछले सात सालों में सबसे कम बढ़ोतरी थी। तब डीए 53% से बढ़ाकर 55% किया गया था। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार जुलाई से दिसंबर 2025 की अवधि में इस कमी को पूरा करेगी और अब रिपोर्ट्स के अनुसार अक्टूबर में 3% बढ़ोतरी का रास्ता साफ है।
सैलरी में हर महीने होगा 540 रुपए का इजाफा
अगर किसी कर्मचारी की न्यूनतम सैलरी ₹18,000 है तो मौजूदा समय में उसे 55% के हिसाब से ₹9,900 महंगाई भत्ता मिल रहा है। यानी उसकी कुल सैलरी ₹27,900 बनती है। लेकिन जैसे ही 58% डीए लागू होगा, महंगाई भत्ता बढ़कर ₹10,440 हो जाएगा। इस तरह कुल सैलरी ₹28,440 तक पहुंच जाएगी। इसका मतलब है कि कर्मचारियों की जेब में हर महीने ₹540 अतिरिक्त आएंगे।
पेंशनर्स को भी मिलेगा लाभ
डीए बढ़ोतरी का फायदा सिर्फ कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि पेंशनर्स को भी मिलेगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी पेंशनर की बेसिक पेंशन ₹9,000 है तो मौजूदा 55% डीए पर उसे ₹4,950 मिल रहा है, जिससे कुल पेंशन ₹13,950 बन रही है। लेकिन 58% डीए लागू होने पर महंगाई भत्ता ₹5,220 हो जाएगा और कुल पेंशन ₹14,220 तक पहुंच जाएगी। यानी हर महीने पेंशनधारकों को ₹270 का फायदा मिलेगा।
त्योहारों से पहले मिलेगी राहत
केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाती है – जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर तक। आमतौर पर इसका ऐलान मार्च और अक्टूबर में होता है। इस बार सरकार अक्टूबर के पहले सप्ताह में फैसला ले सकती है ताकि दिवाली से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत दी जा सके। यह कदम न केवल उनकी आय में इजाफा करेगा बल्कि त्योहारों के समय उनकी जेब भी मजबूत करेगा।
कैसे तय होता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता बढ़ाने का आधार इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए जारी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) होता है। हर महीने के आंकड़ों के आधार पर डीए का औसत निकाला जाता है और उसी हिसाब से सरकार महंगाई भत्ते की दर तय करती है। बढ़ती महंगाई के बीच सरकार का यह फैसला कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत देने वाला होगा।
अर्थव्यवस्था पर होगा असर
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का असर सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिलेगा। जब लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की आय बढ़ेगी तो उनकी क्रय शक्ति यानी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इससे बाजार में मांग (डिमांड) में बढ़ोतरी होगी और त्योहारी सीजन में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।