LPG Gas Cylinder Price: हर घर की रसोई में एलपीजी सिलेंडर सबसे अहम जरूरत है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव से सीधे परिवार के बजट पर असर पड़ता है। सरकार द्वारा हाल ही में किए गए टैक्स सुधारों के बाद उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिल रही है, खासकर त्योहारों के मौसम में यह खबर लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला रही है।
GST घटने से कीमतों में आई कमी
सरकार ने एलपीजी सिलेंडर पर जीएसटी घटाने का फैसला लिया है, जिसका असर व्यावसायिक सिलेंडरों की दरों पर दिखने लगा है। घरेलू 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमत फिलहाल पहले जैसी ही बनी हुई है, लेकिन 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में लगभग ₹33 की राहत दी गई है। इससे होटल, रेस्टोरेंट और अन्य व्यापारिक जगहों पर गैस का खर्च घटेगा।
टैक्स कम करने का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि यह कदम आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए उठाया गया है। बीते महीनों में पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, जिससे मध्यम और गरीब वर्ग पर बोझ बढ़ गया था। ऐसे समय में टैक्स कम करने का मतलब है कि लोगों को सीधा फायदा मिले और त्योहारों के दौरान उनका बजट संतुलित रह सके।
उपभोक्ताओं के लिए सीधा फायदा
एलपीजी सिलेंडर पर टैक्स कम होने का मतलब है कि रसोई के मासिक खर्च में कमी। खासकर त्योहारों के समय जब पकवानों की संख्या बढ़ जाती है, यह राहत और भी अहम हो जाती है। जिन परिवारों के लिए गैस सिलेंडर एक बड़ा खर्च था, उन्हें अब कुछ हद तक बचत होगी, जिससे बजट पर दबाव कम होगा।
एलपीजी सिलेंडर की कीमतें क्यों बढ़ती हैं
भारत में LPG की दरें अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर होती हैं। जब कच्चे तेल और गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती हैं, तो घरेलू बाजार में भी इसका सीधा असर दिखता है। इसके साथ ही टैक्स और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज भी दाम को प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ महीनों में उपभोक्ताओं को महंगा सिलेंडर खरीदना पड़ रहा था।
आगे क्या उम्मीद की जा सकती है
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल और गैस के दाम स्थिर रहते हैं, तो आने वाले महीनों में उपभोक्ताओं को और राहत मिल सकती है। सरकार चाहती है कि रोजमर्रा की चीजें आम लोगों की पहुंच में रहें। हालांकि यदि भविष्य में कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ती हैं, तो इसका असर घरेलू सिलेंडर की दरों पर पड़ सकता है।